Best motivation (ज़िद हो तो ऐसी)
एक बंदे को उसकी कंपनी बेचने के बाद 1000 करोड़ मिला था
उसने वह सारा पैसा अलग- अलग बिजनेस में लगा दिया और खुद रेंट पर रहने लगा।
कोई पागल ही कर सकता है ना ऐसा।
क्योंकि अगर कोई नॉरमल इंसान होता तो गाड़ी बंगला खरीदने में ही बहुत सारा पैसा खर्च कर देता।
यह पागल इंसान और कोई नहीं एलोन मस्क है
जो कि आज वर्ल्ड की कई लेडी कंपनी का मालिक है और आज उसका नेटवर्क है, एक लाख चालीस हजार करोड़।
Motivation |
और यह सब उसके पागलपन से ज़िद का ही नतीजा है क्योंकि भीड़ में चलना तो बहुत आसान है लेकिन पागलपन ही चाहिए भीड़ से कुछ अलग करने के लिए।
जिस बंदे को कभी उसकी भारी आवाज से वीडियो से रिजेक्ट कर दिया था
उसने जिद पकड़ी और वह मुकाम हासिल किया,
जिसके लोग सिर्फ सपने देखते हैं।
जी हां मैं बात कर रही हूं अमिताभ बच्चन की।
उनकी पहली मूवी जंजीर आने से पहले 17 मूवी फ्लॉप हो चुकी थी
लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी जिद नहीं छोड़ी और आखिरकार कामयाबी को उनकी जिद के आगे झुकना ही पड़ा
Best motivation (ज़िद हो तो ऐसी)
विराट कोहली का भी एक ऐसा हि किस्सा है जो कि क्रिकेट ही उसकी पागलपन को बयान करता है।
2006 की बात है विराट कर्नाटका में रंजी खेल रहा था और पहले ही दिन 40 रन बनाकर वो नॉटआउट रहा।
शाम को उनके घर से खबर आई,
कि उसके पापा की डेथ हो गई है।
सबने इंस्पेक्ट किया कि विराट तुरंत घर के लिए निकलेगा कुछ ने तो यह भी डिसाइड कर लिया था कि
उसकी जगह पर कौन खेलेगा।
लेकिन दूसरे दिन विराट बल्ला लेकर स्पीच पर खड़ा था
इस हालात में उसने सेंचुरी लगाई
और अपनी टीम को जिताकर ही वह अंतिम संस्कार के लिए निकल गया।
इसे पागलपन नहीं तो और क्या कहेंगे।
लाखों में किसी एक के पास ही ऐसी जिद और ऐसा पागलपन होता है।
और वही कुछ हटकर कर जाता है।
दिन के 15 -15 घंटे काम करने के लिए सिर्फ एनर्जी ही नहीं ऐसी जिद वो पागलपन होना चाहिए।
क्योंकि ऐसे जिद्दी और ऐसे पागल लोग परसेंटेज में नहीं, नंबर्स मैं होते हैं।
ऐसी एक ज़िद और पागलपन से बरी कहानी है दशरथ मांझी की।
जो कि अपनी पत्नी को टाइम से हॉस्पिटल ना पहुंचा पाए क्योंकि उनके गांव से हॉस्पिटल के पीछे बहुत बड़ा पहाड़ था और उसी वजह से उनकी पत्नी का देहांत हो गया।
बंदे को गुस्सा आ गया और उसने अपने गुस्से को ज़िद में बदल दिया और
इस बंदे ने केवल खैनी और हथौड़ी से 22 सालों में 55 किलो मीटर का पहाड़ तोड़ दिया।
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यह पागलपन नहीं तो क्या है।
ऐसी जिद तब पैदा होती है जब दिल टूटता है।
कुछ लोग तो इसमें बिखर जाते हैं पर जो इस दर्द को इस गुस्से को जिद में बदल देता है उस बंदे को रोकना नामुमकिन है।
Best motivation (ज़िद हो तो ऐसी)
वो पागलपन ही है जब लोग ट्रिप्स प्लान कर रहे होते हैं और कोई बंदा अपना एंपायर खड़ा करने के लिए प्लान बना रहा होता है।
जब सब नौकरी ढूंढने के चक्कर में होते हैं तब कोई पागल नौकरी देने के बारे में सोचता है और
ऐसे ही पागल लोग आगे जाकर बिल गेट्स, किंग जॉन बनते हैं ये पागल सक्सेस के लिए हमेशा भूखे होते हैं
ये कभी सेटिस्फाई नहीं होते।
यही पागलपन, यही जिद ना तो इन्हें सोने देती है और ना ही रुकने देती है
एक जिद्दी इंसान कभी भी सान्त नहीं बैठेगा
हजार बार फेल होगा वो।
पर उसकी ज़िद और पागलपन उसे एक बार और ट्राई करने पर मजबूर करेगा
और यह तब तक इसे मजबूर करेगा जब तक की सफलता इसके सामने घुटने ना टेक दे
और यही पागल इंसान यही जिद्दी इंसान एक दिन इतिहास बना देता है।
यकीन नहीं आता तो हिस्ट्री उठा कर देख लो।
भला कौन बंदा एक हजार बार फेल होने के बाद भी कोशिश करना नहीं छोड़ता।
कोइ पागल ही ना!
और उसी कारण ये पागल और जिद्दी इंसान दुनिया को रोशन कर देता है।
जी हां मैं बात कर रही हूं थॉमस अल्वा एडिसन की।
Best motivation (ज़िद हो तो ऐसी)
65 साल का एक बंदा जिसे ऑर्लेडि हजार बार रिजेक्ट कर दिया गया था, फिर भी उसने अपनी ज़िद नहीं छोड़ी और K F C
जैसे हॉटेज चैन खड़ी कर दी।
जिस बंदे को अंग्रेजों ने उनके होटेल में नहीं आने दिया उस बंदे ने जिद पकड़ी और दुनिया का सबसे बड़ा होटेल ताज बना दिया।
दोस्तो यह एक जिद ही है जो एक नॉरमल इंसान को ऐब नॉर्मल बनाती है
और ये ऐबनाॅर्मल लोग ऐसा कुछ कर जाते हैं जिसे नॉर्मल लोग सोचने से भी डरते हैं।
इसलिए आपको जो भी अच्छा लगता है, जो भी आप करना चाहते हैं पागल बन जाओ उसके लिए।
और जांन लगा दो उसे हासिल करने के लिए, क्योंकि जब तक ये जिद, ये पागलपन आपके अंदर नहीं आएगा।
तब तक आप नॉर्मल ही रहोगे
और अगर नॉर्मल रहकर ही मरना है तो ऐसे ही जिओ
पर ऐबनाॅर्मल बनना है तो जिद्दी और पागल बनना पड़ेगा
जिस बंदे को अंग्रेजों ने उनके होटेल में नहीं आने दिया उस बंदे ने जिद पकड़ी और दुनिया का सबसे बड़ा होटेल ताज बना दिया।
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जीवन का सच मोटिवेशन (best motivation in hindi)
एक बार इस पोस्ट को भी जरूर पढ़ें इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा
दोस्तो यह एक जिद ही है जो एक नॉरमल इंसान को ऐब नॉर्मल बनाती है
और ये ऐबनाॅर्मल लोग ऐसा कुछ कर जाते हैं जिसे नॉर्मल लोग सोचने से भी डरते हैं।
इसलिए आपको जो भी अच्छा लगता है, जो भी आप करना चाहते हैं पागल बन जाओ उसके लिए।
और जांन लगा दो उसे हासिल करने के लिए, क्योंकि जब तक ये जिद, ये पागलपन आपके अंदर नहीं आएगा।
तब तक आप नॉर्मल ही रहोगे
और अगर नॉर्मल रहकर ही मरना है तो ऐसे ही जिओ
पर ऐबनाॅर्मल बनना है तो जिद्दी और पागल बनना पड़ेगा
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